अगर आप सभी को अठारह पुराणों की संपूर्ण संग्रह पीडीएफ (18 Puranas in Hindi PDF Download) चाहिए। तो हमारे द्वारा इन 18 पुराणों के संग्रह सूची को टेबल के माध्यम से डाउनलोड लिंक प्रोवाइड किया गया है। आपको पता ही होगा पुराण शब्द हिंदू धर्म ग्रंथों के लिए उपयोग किया जाता है। पुराण का शाब्दिक अर्थ होता है पुराना।
तो आइए जान लेते हैं, आप सभी 18 पुराणों को कैसे डाउनलोड कर सकते हैं। विस्तार से तथा आसान भाषा में इस लेख के माध्यम से समझाया गया है।
18 Puranas in Hindi PDF Download – पुराण

18 पुराण की सूची को टेबल के माध्यम से नीचे विस्तार से डाउनलोड करने का लिंक प्रोवाइड किया गया है। आप सभी बिना किसी समस्या के किसी भी पुराण का हिंदी पीडीएफ फाइल डाउनलोड करके पढ़ सकते हैं।
सभी हिंदू धर्म के लोग अपनी पुरातन वेद पुराणों के बारे में तथा अपनी पुरानी सभ्यता और संस्कृति के बारे में हर कोई जानना चाहता है। इस तथ्य को देखते हुए मैंने आप सभी के लिए 18 Puranas in Hindi PDF Download फाइल उपलब्ध कराया है।
शिव पुराण | Download Here |
विष्णु पुराण | Download Here |
पद्म पुराण | Download Here |
गरुड़ पुराण | Download Here |
कूर्म पुराण | Download Here |
वामन पुराण | Download Here |
भविष्य पुराण | Download Here |
मार्कंडेय पुराण | Download Here |
ब्रह्म वैवर्त पुराण | Download Here |
मत्स्य पुराण | Download Here Part 1 Download Here Part 2 |
ब्रह्मांड पुराण | Download Here |
अग्नि पुराण | Download Here |
नारद पुराण | Download Here |
भागवत पुराण | Download Here |
ब्रह्मा पुराण | Download Here |
लिंग पुराण | Download Here |
वराह पुराण | Download Here |
गरुड़ पुराण | Download Here |
पुराण किसे कहते हैं
पुराण” एक शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है “पुरानी कहानियाँ” या “पुरानी बातें”। यह शब्द हिंदू धर्म के धर्मग्रंथों के पुकारने में प्रयोग में लाने के लिए किया जाता है। इन पुराणों में हिंदू धर्म की वर्षों पुरानी धार्मिक और ऐतिहासिक कथाएँ, व्रतों, और महत्वपूर्ण जीवन सिखाने के प्रेरणादायक उपकथाएँ होती हैं। पुराणों में भगवानों की कथाएँ, महापुरुषों के ब्रह्मचरित्र, और धार्मिक उपदेश शामिल होते हैं। इन पुराणों की मदद से लोग अपने जीवन में सदगुणों को अपनाने का प्रयास करते हैं। और आपने वर्षों पुरानी बीती हुई संस्कृति के बारे में जानने के लिए लिए पढ़ते हैं।
पुराणों की रचना किसने की थी
सबसे पहले 18 पुराणों की रचना 18 Puranas in Hindi PDF Download सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा जी ने किया था। ऐसा माना जाता है, कि ब्रह्मा जी ने मनुष्य के दुष्कर्म को रोकने के लिए वेद पुराणों की रचना की थी। हमारे वेदों की वास्तविक यथार्थ भाषा संस्कृत में लिखी गई थी। यद्यपि पुराणों को सभी के समझने और पढ़ने के लिए हमारे ही देश के बहुत ही महान रचयिता और महापुरुष ने इसे सभी के समझ ले और जानने के लिए इसका सरल और आसान भाषाओं में पुनर्रचना किया।
हिंदू धर्म की वर्षों पुरानी पुराणों की रचना वेदव्यास नामक महर्षि ने की थी। वे एक योग ऋषि और धार्मिक गुरु थे। जिन्होंने श्रीमद् भागवत गीता को भी संवाद के रूप में उपनिषदों के साथ सरल भाषा में जोड़ा था। वेदव्यास जी ने अनेक पुराणों की रचना की। जिनमें महाभारत कथा, भगवान के लीलाकथाएँ, और धार्मिक उपदेश शामिल किया था। उनके द्वारा रचित पुराण भारतीय संस्कृति, धर्म, और इतिहास के महत्वपूर्ण हिस्से को दर्शाते हैं।
हिंदू धर्म के पुराणों की संख्या
पुराणों की निर्धारित कुल संख्या 18 है। इन पुराणों में विभिन्न धार्मिक और ऐतिहासिक कथाएँ, उपदेश और उपासना को विद्यमान किया गया है। ताकि आने वाली पीढ़ी भारतीय धर्म की हिंदू संस्कृति के बीते हुए समय और यथार्थ परिस्थितियों के बारे में जान पाए।
निष्कर्ष
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FAQ
ब्रह्मा पुराण में श्लोकों की संख्या तथा कितने अध्याय हैं?
ब्रह्मा पुराण में श्लोकों की संख्या 10,000 तथा इसमें कुल 246 अध्याय हैं।
विष्णु पुराण में श्लोकों की कुल संख्या कितनी है?
विष्णु पुराण में श्लोकों की कुल संख्या 23 हजार निर्धारित की गई है।
श्रीमद्भागवत पुराण में इस लोगों की कुल संख्या कितनी है?
श्रीमद्भागवत पुराण में श्लोकों की संख्या 18000 निर्धारित की गई है।
वामन पुराण में श्लोकों की कुल संख्या कितनी है?
वामन पुराण में श्लोकों की कुल संख्या 10,000 है।
अग्नि पुराण में श्लोकों की कुल संख्या कितनी है?
अग्नि पुराण में श्लोकों की कुल संख्या 15000 है।
नारद पुराण में श्लोकों की कुल कितनी संख्या है?
नारद पुराण में श्लोकों की कुल संख्या 25000 है।